नई (यूपीएस) एकीकृत पेंशन योजना – UPS से कितनी पेंशन मिलेगी?

जैसा कि आपने सुना होगा हाल ही में, भारतीय सरकार ने ‘यूनिफाइड पेंशन स्कीम’ (UPS) या हिंदी कहें तो एकीकृत पेंशन योजना की घोषणा की है, जो सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत के रूप में बताई जा रही है। हालाँकि सरकारी कर्मचारियों द्वारा ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग की जा रही थी, लेकिन सरकार ने एक नया विकल्प प्रोवाइड किया है। इस स्कीम के बारे में जरुरी नियम और जानकारियां जो आपको पता होनी चाहिए इस पोस्ट में देने का प्रयास कर रहे हैं, उम्मीद है आपको समझ में आएगी –

एकीकृत पेंशन योजना – UPS की मुख्य विशेषताएं –

  • इस योजना के तहत, कर्मचारियों को उनकी अंतिम 12 महीने की औसत बेसिक सैलरी का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा।
  • यह लाभ उन कर्मचारियों के लिए है जिन्होंने कम से कम 25 साल की सेवा की है।
  • यदि सेवा की अवधि कम है, तो पेंशन का प्रावधान न्यूनतम 10 साल की सेवा के लिए किया गया है, जिसमें ₹10,000 प्रति माह की न्यूनतम पेंशन सुनिश्चित की गई है।
  • कर्मचारी की मृत्यु के बाद, उसके परिवार को कर्मचारी की पेंशन का 60% हिस्सा फैमिली पेंशन के रूप में मिलेगा।
  • इस योजना में महंगाई के हिसाब से पेंशन और फैमिली पेंशन दोनों का इंडेक्सेशन भी किया जाएगा, जिससे पेंशनधारकों को महंगाई के प्रभाव से बचाया जा सके।
  • सेवा निवृत्ति के समय ग्रेच्युटी के अलावा लंप सम भुगतान का भी प्रावधान है। यह भुगतान सेवानिवृत्ति के दिन की सैलरी और DA का 1/10 वां हिस्सा होगा, जो हर पूरे हुए छह महीने की सेवा के लिए दिया जाएगा।

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क्या NPS में कोई बदलाव है?

जो कर्मचारी वर्तमान में नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) के अंतर्गत आते हैं, उन्हें UPS में शामिल होने या NPS में बने रहने का विकल्प दिया गया है। इससे पहले, 1 अप्रैल 2004 के बाद शामिल सभी कर्मचारी NPS के तहत आते थे, लेकिन अब UPS के आने से उन्हें एक नया विकल्प मिल गया है।

यूपीएस योजना पर एक्सपर्ट्स क्या कह रहे हैं?

विशेषज्ञों का मानना है कि यह योजना उन कर्मचारियों के लिए लाभकारी होगी, जो वित्तीय सुरक्षा की तलाश में हैं। हालांकि, कुछ राज्यों ने पुरानी पेंशन योजना (OPS) को पुनर्जीवित करने की मांग की है, लेकिन UPS की नई विशेषताएं इसे एक आकर्षक विकल्प बनाती हैं।

UPS, NPS और OPS इन तीनो पेंशन स्कीमों में अंतर (तुलना) –

यहाँ एकीकृत पेंशन योजना, नेशनल पेंशन सिस्टम, और ओल्ड पेंशन स्कीम – इनके बीच मुख्य अंतर का सरल तरीक से समझाने का प्रयास किया गया है – देखें टेबल

विशेषता यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS)
शुरुआत का साल अप्रैल 2025 में शुरू होने वाली जनवरी 2004 में शुरू हुई 2004 से पहले की सरकारी योजना
पेंशन राशि आखिरी 12 महीनों के औसत बेसिक वेतन का 50% बाजार आधारित, कोई तय पेंशन नहीं आखिरी बेसिक वेतन का 50%
कर्मचारी योगदान कोई योगदान आवश्यक नहीं बेसिक वेतन + डीए का 10-14% कोई योगदान आवश्यक नहीं
ग्रेच्युटी हाँ, अधिकतम ₹20 लाख NPS में शामिल नहीं है हाँ, डीए समायोजन के साथ
महंगाई सुरक्षा हाँ, महंगाई दर के अनुसार पेंशन समायोजन स्वत: महंगाई भत्ता समायोजन नहीं हाँ, महंगाई भत्ता के माध्यम से
पारिवारिक पेंशन अंतिम बेसिक वेतन का 60% सीधे नहीं दी जाती, खरीदी गई एन्युटी पर निर्भर रिटायरी द्वारा प्राप्त पेंशन का 60%
न्यूनतम पेंशन कम से कम ₹10,000 प्रति माह (10 साल सेवा के बाद) कोई न्यूनतम पेंशन राशि नहीं विशेष रूप से निर्दिष्ट नहीं
कर लाभ निर्दिष्ट नहीं धारा 80 CCD के तहत योगदान कर मुक्त लागू नहीं
पेंशन की स्थिरता स्थिर, क्योंकि यह फिक्स पेंशन और महंगाई सुरक्षा प्रदान करता है उच्च, बाजार से जुड़ी रिटर्न के कारण स्थिर, फिक्स पेंशन स्थिरता प्रदान करती है
लंपसम भुगतान हाँ, हर 6 महीने की सेवा के लिए अंतिम वेतन का 1/10 भाग कुल जमा पूंजी का 60% टैक्स मुक्त निकाला जा सकता है हाँ, अंतिम वेतन और सेवा अवधि के आधार पर गणना की जाती है

 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने UPS पेंशन स्कीम पर क्या कहा?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना की घोषणा करते हुए कहा कि यह कर्मचारियों की गरिमा और उनके भविष्य की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना से लगभग 23 लाख सरकारी कर्मचारी लाभान्वित होंगे।

यूपीएस पेंशन स्कीम का उद्देश्य क्या है?

इस योजना का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। यह योजना 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी और यह मुख्य रूप से उन सरकारी कर्मचारियों को लाभ पहुंचाएगी, जिन्होंने न्यूनतम 10 साल की सेवा पूरी की है।

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